करो तो करो यार उर्दू ज़बाँ में
मोहब्बत का इज़हार उर्दू ज़बाँ में
नहीं भूल सकता हलावत कभी वो
मिला हो जिसे प्यार उर्दू ज़बाँ में
नज़र डालिए तो ख़ज़ाने मिलेंगे
करोड़ों हैं शहकार उर्दू ज़बाँ में
किसी और ज़बाँ में मयस्सर नहीं हैं
हैं जिस तर्ह अश’आर उर्दू ज़बाँ में
सहर हम से दीवाने नेपाल में भी
सजाते हैं दरबार उर्दू ज़बाँ में
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